"मुस्कान" एक खूबसूरत हिन्दी कविता


Prasanjeet Lakra


"हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिन्दगी से जाना न कभी"
"किसी को खुश देखने के लिये महज, उसकी एक मुस्कान  काफी है"

                                       "महज मुस्कुरा देने से, बिगङी बातें भी बन जाया करती है"
                                       "हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी"

"जबभी मुस्कुराता हूं मैं, एक बेहतर इंसान महसूस करता हूं मैं"
"हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी"

"विपत्तियां भी देख मुस्कान मेरी , मुस्कुराते - मुस्कुराते  चली जाती है"
"हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी"

" कठिनाईयां तो कई आयी गयी, मगर मेरे चेहरे की वो भिनी मुस्कान छा गयी "
"हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी"

"बैचेनी का वो मंजर भी आया था, मगर मुस्कुरा कर ही गया" 
"हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी"

"जो चाहा बस थोङी सी भिनी मुस्कान से, वो भी हासिल कर पाया"
"हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी"


"इंटरव्यू लेने वाला भी भिनी मुस्कान देख, मुस्कुराते मुस्कुराते हमें हाँ कर
देता"
"हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी"


"जब जब मुस्कुराता हूं मैं, एक नया आत्मविश्वास पाता हूं मैं"
"हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी"


"आकर्षित करने के लिये सौ बातें, होना जरूरी नही महज एक मुस्कान काफी है"
"हे मुस्कान तुम मेरे चेहरे की रौनक हो, तुम मेरी जिंदगी से जाना न कभी"

मुस्कान ईश्वर व्दारा इंसान को दिया हुआ सबसे खूबसूरत उपहार है जब इंसान मुस्कुराता है उसकी चहरे की रौनक दस गुना बढ़ जाता है जो इंसान मुस्कुराकर अपने जिन्दगी में आने वाले पलों का स्वागत करते हैं वे कभी  हताश नही होते वे हमेशा एक नये कॉन्फिडेंस का संचार कर ही लेते हैं कठिनाईयां क्या, विपत्तियां क्या, बैचैनी का आलम भी भिनी मुस्कुान देख खूद मुस्कुराते मुस्कुराते लौट गया कुछ लोग किसी खुश करने के लिये तथा खुश देखने के लिये क्या-क्या नही करते मगर सामने वाला महज आपकी एक भिनी मुस्कान पाकर खुश हो जाता है ।

यह ईश्वर की दी हुई सबसे खुबसूरत तौहफा है जिसका जिक्र मैं इस कविता में किया है जो व्यक्ति इस पल को नही जीते उनके चेहरे पर रौनक ही नजर नही आती है उनकी जिन्दगी बंजर सी लगती है जब हम इंटरव्यू देने जाया करते हैं भिनी मुस्कान देख इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति भी हँसते-हँसते पास कर देता है कारण यही है कि इंसान को अपने अन्दर के खूबसूरत गुण जीना चाहिये क्योंकि तभी हम अपने जीवन को सार्थक बना पाएंगे तथा मुश्किलों से भी उभरकर एक नये रास्ता खोज निकालना है जिसका संदेश में मार्ग दर्शक बनकर औरों तक पहुंचाना है ।

जब जब इंसान मुस्कुराते नजर आते हैं एक बेहतर इंसान नजर आते हैं कॉन्फिडेंस भी नजर आता है तथा एक अपने अन्दर का सुन्दर गुण भी झलकता है जिन्हें लोग देखना सुनना बोलना और चाहना पसंद करते हैं इस कविता में लिखी गयी "भिनी मुस्कान" का अर्थ हल्की मुस्कान से है जिसमें जब कोई मुस्कुराता है आवाज नही होती महज मुस्कान से खिला हुआ चेहरा नजर आता है जब जब कोई मुस्करातें हैं वे एक बेहतर इंसान नजर आते हैं ।

प्रत्येक व्यक्ति को हंस्ते मुस्कराते अपना जीवन व्यतीत करना चाहिये तथा दूसरे को भी मुस्कराने की वजह देना चाहिए जिन्हें हम खुश देखना और रखना चाहते हैं ।

__प्रसन्नजीत लाकरा__

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